उद्देश्य: गया श्राद्ध और पिंड दान विशेष रूप से पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए किया जाता है। यह अनुष्ठान उन आत्माओं की तृप्ति और शांति के लिए है जो पितर (पूर्वज) संसार के विभिन्न कष्टों में फंसे होते हैं और उन्हें शांति की आवश्यकता होती है।
पूजा के लाभ:
पूर्वजों की आत्मा की शांति: यह अनुष्ठान पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करता है।
परिवार में सुख-शांति: पितर दोष दूर होने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ती है।
साक्षात्कार और मोक्ष: पितरों की आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है और वे पुनर्जन्म से मुक्त हो जाते हैं।
अच्छे परिणाम: भविष्य में विभिन्न समस्याओं और बाधाओं का समाधान होता है।
पूजा की प्रक्रिया:
संकल्प: आचार्य जी पूजा की शुरुआत में भक्त का संकल्प लेते हैं जिसमें श्राद्ध और पिंड दान के उद्देश्यों का उल्लेख किया जाता है।
गया तीर्थ पूजा: गया तीर्थ की पूजा की जाती है, जहाँ पिंड दान के लिए आवश्यक सामग्री का प्रयोग होता है।
पिंड दान: विशेष मंत्रों के साथ पिंड दान किया जाता है, जो पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए होता है।
अर्चना और हवन: पिंड दान के बाद पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए हवन किया जाता है।
समय: पूजा का सम्पूर्ण अनुष्ठान लगभग 2-3 घंटे का होता है।
स्थान: यह पूजा काशी, वाराणसी में आचार्य पवन पांडेय जी के निर्देशन में संपन्न की जाती है।
सम्पर्क: पूजा में शामिल होने या अधिक जानकारी के लिए कृपया निम्नलिखित विवरणों पर सम्पर्क करें:
आचार्य पवन पांडेय
स्थान: काशी, वाराणसी
मूल्य: ₹5000
इस गया श्राद्ध और पिंड दान के माध्यम से आप अपने पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान कर सकते हैं, और अपने परिवार में सुख-शांति का वातावरण बना सकते हैं। आचार्य पवन पांडेय जी के अनुभव और ज्ञान के साथ, यह अनुष्ठान आपकी सभी समस्याओं का समाधान करने में सहायक सिद्ध होगा।
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