जन्म कुंडली में शनि चंद्र की युति होती है तो इसको विष दोष माना जाता है । ज्योतिष में चंद्र को मन का कारक माना गया है , अतः मन की स्थिरता भंग होना और मानसिक परेशानियों से जातक घिरा रहता है । इस दोष के कारण सबसे ज्यादा मन प्रभावित होता है, निर्णय लेने की क्षमताओ में कमी होना, निर्णय गलत हो जाना, डिप्रेशन जैसी समस्याये, दांपत्य जीवन में परेशानी, आर्थिक स्थिति में परेशानी, संतान सुख में कमी, कर्जा हो जाना, दुर्घटना के योग बनना आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।
विष दोष का निवारण क्या है?
नाग पूजा (Nag Pooja): नाग पूजा विशेषकर विष से जुड़े ज्योतिषीय दोषों को ठीक करने के लिए की जाती है। इसमें नागदेवता की पूजा और मन्त्रजाप शामिल होते हैं।
कालसर्प दोष निवारण पूजा (Kalsarpa Dosh Nivaran Puja): कालसर्प दोष को ठीक करने के लिए कालसर्प देवता की पूजा की जा सकती है। इसमें कालसर्प योग से जुड़े मंत्र, हवन, और पूजा शामिल हो सकते हैं।
राहु-केतु पूजा (Rahu-Ketu Puja): ज्योतिष में विष दोष से संबंधित राहु-केतु के प्रभाव को कम करने के लिए राहु-केतु पूजा की जाती है।
नवग्रह पूजा (Navagraha Puja): नवग्रहों की पूजा से भी विष दोष को ठीक करने में मदद मिल सकती है। नवग्रह पूजा में सभी ग्रहों को शामिल किया जाता है।
श्री कालहस्ती राहुकेतु सर्पदोष निवारण पूजा (Sri Kalahasti Rahu-Ketu Sarpa Dosha Nivarana Puja): यह पूजा विष दोष से संबंधित राहु-केतु और सर्पदोष को ठीक करने के लिए की जाती है और इसे श्री कालहस्ती श्री कालहस्ती श्री कालहस्ती मंदिर में किया जाता है।
विष दोष पूजन का लाभ
विष दोष पूजा” का मुख्य उद्देश्य ज्योतिषीय दृष्टिकोण से उत्पन्न होने वाले दोषों या किसी विशेष ग्रह स्थिति के शांति अथवा सुधार का प्रयास करना होता है। इस पूजा का अनुष्ठान करने के कई प्रसिद्ध लाभ हो सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हो सकते हैं:
ग्रहों का संतुलन: विष दोष पूजा का उद्देश्य ग्रहों के संतुलन को सुधारना है, जिससे जीवन में समर्थन और स्थिति में सुधार हो सकता है।
कठिनाईयों का समाधान: यदि किसी के जन्मकुंडली में विष दोष है, तो इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति अपने कठिनाईयों का समाधान प्राप्त कर सकता है।
स्वास्थ्य में सुधार: विष दोष पूजा से व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और अन्य संबंधित समस्याएं कम हो सकती हैं।
व्यापार और नौकरी में सफलता: कई लोग विष दोष पूजा का अनुष्ठान करके अपने व्यापार और नौकरी में सफलता प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
पारिवारिक और व्यक्तिगत सुख-शांति: विष दोष पूजा के माध्यम से व्यक्ति अपने पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन में सुख और शांति की कमी को दूर कर सकता है।
भगवान की कृपा प्राप्ति: इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति अपने कर्मों को शुद्ध करके भगवान की कृपा प्राप्त कर सकता है और अध्यात्मिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ सकता है।
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